Ram Mandir Ayodhya New Update: आखिर वह शुभ घड़ी आ ही गई जिसका इंतजार सनातनी धर्म के लोगों को दशकों से था। राम मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। भगवान श्री राम की मूर्तियों का चयन भी हो चुका है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह है। पूरे अयोध्या शहर को इस भव्य समारोह के लिए तैयार किया जा रहा है। अयोध्या एयरपोर्ट का उद्घाटन हो चुका है अयोध्या आने जाने वाली दर्जनों नई ट्रेनें शुरू हो रही हैं, इन तमाम जानकारियों के बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर की विशेषताएं गिनाई हैं, क्या है यह विशेषताएं, आपको एक-एक करके बताते हैं।
Ram Mandir Ayodhya New Update: राम मंदिर की 20 विशेषताएं
Ram Mandir Ayodhya New Update: राम मंदिर की विशेषताएं इस प्रकार हैं। मंदिर परंपरागत नागर शैली में बनाया गया है, मंदिर की लंबाई पूर्व से पश्चिम 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है, मंदिर तीन मंजिला है, हर एक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है, मंदिर में कुल 392 खंबे हैं, और 44 द्वार हैं, मुख्य गर्भ ग्रह में प्रभु श्री राम का बाल रूप और प्रथम तल पर श्रीराम दरबार है, मंदिर में पांच मंडप हैं, नृत्य मंडप रंग मंडप सभा मंडप प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप।
खंभों और दीवारों में देवी देवता और देवांगना की मूर्तियां बनाई गई हैं, मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंह द्वार से है, दिव्यांगजन और वृद्धों के लिए मंदिर में रैंप और लिफ्ट की भी व्यवस्था की गई है।
मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा है, चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 14 फीट है, परकोटा के चारों कोनों पर सूर्यदेव मां भगवती गणपति व भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण हो रहा है, उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा और दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर रहेगा, मंदिर के पास ही पौराणिक काल का सीता कूप बनाया गया है।
मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर हैं, महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त, निषादराज माता शबरी और ऋषि पत्नी देवी अहिल्या मंदिर दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जिणो द्वार किया गया है। और वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की जाएगी।
खास बात यह है कि मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है। धरती के ऊपर बिल्कुल भी कंक्रीट नहीं है। मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी आरसीसी बिछाई गई है, यह एक कृत्रिम चट्टान जैसी है मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है। मंदिर परिसर में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था और स्वतंत्र पावर स्टेशन का निर्माण किया गया है।
25000 क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र का भी निर्माण किया जा रहा है। जहां सामान रखने के लिए लॉकर और चिकित्सा की सुविधा रहेगी। मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टेप्स आदि की भी सुविधा है। मंदिर का निर्माण पूर्णतया भारतीय परंपरा अनुसार और स्वदेशी तकनीक से किया गया है। पर्यावरण जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है। कुल 70 एकड़ क्षेत्र में बने राम मंदिर का 70 फीसद हिस्सा सदा रहित रहेगा।
Ram Mandir Ayodhya New Update: 65 लाख रूपये की चरण पादुका
Ram Mandir Ayodhya New Update: जी हां हम आपको बताएंगे ऐसे ही अनोखे राम भक्त की कहानी। जिनकी उम्र है 64 साल की और जो 8000 किमी की पैदल यात्रा कर सिर पर ₹65 लाख कीमत की चरण पादुका लेकर यह राम भक्त अयोध्या के लिए निकल पड़ा है। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में उत्साह है भक्त दूर-दूर से अयोध्या पहुंच रहे हैं।
इसी बीच हैदराबाद के एक बुजुर्ग भी भगवान राम के दर्शन करने अयोध्या जा रहे हैं खास बात यह है कि बुजुर्ग 8000 किमी की पैदल यात्रा कर अयोध्या पहुंचेंगे इन बुजुर्ग का नाम है चल्ला श्रीनिवास शास्त्री जो 64 साल के हैं। शास्त्री अपने साथ पंच धातु से बने खड़ाऊ लेकर अयोध्या जा रहे हैं। पांच धातुओं से बने खड़ाऊं पर सोना चढ़ाया गया है। जिसकी कीमत ₹65 लाख है। शास्त्री खड़ाऊं को अपने सिर पर रख कर चल रहे हैं। इससे पहले भी यह राम मंदिर के लिए चांदी की पांच ईंट दान कर चुके हैं।
शास्त्री की योजना है कि वह अयोध्या पहुंचकर यह खड़ाऊं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप देगें। आपको बता दें कि शास्त्री भगवान राम के वनवास की उल्टी दिशा में चल रहे हैं उन्होंने 20 जुलाई को अपनी यात्रा शुरू की थी यात्रा के दौरान उन्होंने रास्ते में पड़ने वाले तीर्थ स्थलों के भी दर्शन किए। जैसे उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी, महाराष्ट्र के त्रयंबकम ज्योतिर्लिंग और द्वारिका जैसे महत्त्वपूर्ण स्थान इसमें शामिल हैं। उनका लक्ष्य है कि वह अगले 10 दिनों में अयोध्या पहुंच जाएं।
अब इतनी लंबी पैदल यात्रा करने के पीछे क्या वजह है इसके बारे में भी उन्होंने खुद ही बताया। शास्त्री का कहना है कि मेरे पिता अयोध्या में कार सेवा कर चुके हैं। पिता भगवान हनुमान के बहुत बड़े भक्त थे। उनकी इच्छा थी कि अयोध्या में राम का मंदिर बने अब वह नहीं रहे इसीलिए मैं उनकी इच्छा पूरी कर रहा हूं। उनका कहना है कि 20 जुलाई से यात्रा शुरू करने के बाद उन्हें कुछ दिनों के लिए ब्रिटेन जाना पड़ा था। इस वजह से जब मैं वापस आया तो यात्रा दोबारा वहीं से शुरू की जहां से यात्रा अधूरी छोड़कर मैं ब्रिटेन गया था। शास्त्री फिलहाल अयोध्या से 272 किमी दूर चित्रकूट पहुंचे हैं।
Ram Mandir Ayodhya New Update: 5 लाख की अगरबत्ती Gujarat से Ayodhya जा रही है।
Ram Mandir Ayodhya New Update: यह खास तरह की अगरबत्ती है जिसे अयोध्या भेजा जाना है 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है वक्त काफी कम बचा है और एक जनवरी को सड़क के रास्ते इसे गुजरात से अयोध्या भेजा जाना है यही वजह है कि गुजरात के वड़ोदरा के रहने वाले विहा भाई भरवाड़ इन दिनों अगरबत्ती का काम पूरा करने में जुटे हुए हैं। अयोध्या राम जन्मभूमि में जब प्रभु श्री राम का मंदिर निर्माण हुआ है। और इस अवसर पर समग्र गुजरात की जनता की ओर से और मालधारी गोपालक की ओर से 108 फुट का अगरबत्ती बनाया है।
इस अगरबत्ती का कुल वजन 3428 किलो है। जिसको बनाने में जो सामग्री काम में ली गई है, वो इस प्रकार है− इस अगरबत्ती को बनाने में गुजरात की गिरगाय का 181 किलो घी शामिल है, गिरगाय का ही 1475 किलो गोबर, 376 किलोग्राम गुग्गल, 376 किलोग्राम कोपरा, 280 किलोग्राम देवदार की खास की लकड़ी, 280 किलो जौ सुगंध के लिए, 200 लीटर इत्र, 50 किलोग्राम गुलाबों की पंखुड़ियां और 50 किलो सुगंध पाउडर का इस्तेमाल किया गया है इस अगरबत्ती को बनाने पर कुल 5 लाख रूपये का खर्च आया है,।
अगरबत्ती का ज्यादातर खर्च खुद विहा भाई भरवाड़ ही उठा रहे हैं। लेकिन भगवान के इस काम में उनके दोस्तों और संत समाज का भी सहयोग मिला है इस अगरबत्ती को अयोध्या तक पहुंचाना भी कोई आसान काम नहीं 110 फुट लंबे ट्रक में लाद कर 1 जनवरी को गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल अगरबत्ती को अयोध्या लेकर रवाना हो चुके हैं। इसकी हिफाजत के लिए 150 लोग गुजरात से यूपी जा रहें है। 16 दिन बाद अगरबत्ती सड़क मार्ग से अयोध्या पहुंचेगी। अयोध्या में रामलला के अभिषेक के अवसर पर जब इस अगरबत्ती को जलाया जाएगा तो 45 दिनों तक इसकी खुशबू अयोध्या को सुगंधित करेगी।
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