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Nora Fatehi falls prey to deep fake video, डीप फेक वीडियो का शिकार हुईं नोरा फतेही, इंस्टाग्राम पर लिया स्टैंड

Nora Fatehi falls prey to deep fake video

Nora Fatehi falls prey to deep fake video

Nora Fatehi falls prey to deep fake video: रश्मिका मंदाना, कैटरीना कैफ, काजोल, आलिया भट्ट और प्रियंका चोपड़ा के बाद, एक और बॉलीवुड अभिनेत्री, नोरा फतेही, एक डीप फेक वीडियो के कारण विवाद में आ गई हैं। इस वीडियो में, नोरा एक ब्रांड का प्रचार कर रही हैं, और यह इतनी अच्छी तरह से बनाया गया है कि यह वास्तविक लगता है।

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नोरा ने खुद इस वीडियो को फर्जी बताया है, और उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके लोगों से सावधान रहने की अपील की है। उन्होंने लिखा, “यह एक डीप फेक वीडियो है, और यह मैं नहीं हूं। कृपया इस तरह की भ्रामक सामग्री को शेयर करने से बचें।”

Nora Fatehi falls prey to deep fake video

Nora Fatehi falls prey to deep fake video: रश्मिका मंदाना के डीप फेक केस के बारे में

हाल ही में, अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के एक डीप फेक वीडियो के बारे में खबरें आईं। इस वीडियो में, रश्मिका एक फिट पोशाक पहने हुए लिफ्ट में चढ़ रही हैं। वीडियो इतनी अच्छी तरह से बनाया गया था कि कई लोगों ने इसे वास्तविक मान लिया।

रश्मिका ने खुद इस वीडियो को फर्जी बताया, और उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके लोगों से सावधान रहने की अपील की। उन्होंने लिखा, “यह एक डीप फेक वीडियो है, और यह मैं नहीं हूं। कृपया इस तरह की भ्रामक सामग्री को शेयर करने से बचें।”

डीप फेक वीडियो एक तरह का डिजिटल फर्जीवाड़ा है जिसमें किसी व्यक्ति के चेहरे को किसी अन्य व्यक्ति के चेहरे से बदल दिया जाता है। यह तकनीक इतनी उन्नत हो गई है कि इसे पहचानना मुश्किल हो सकता है।

डीप फेक वीडियो का इस्तेमाल कई तरह के लिए किया जा सकता है, जैसे कि बदनाम करना, धोखा देना या मनोरंजन करना। हालांकि, इसका इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने के लिए भी किया जा सकता है, जो समाज के लिए एक गंभीर खतरा है।

डीप फेक वीडियो से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:

यदि आप किसी डीप फेक वीडियो के शिकार हो जाते हैं, तो इसे शेयर करने से बचें। इसके बजाय, इसे फर्जी बताएं और अन्य लोगों को भी इस बारे में जागरूक करें।

भारत में डीप फेक वीडियो से निपटने के लिए एक कानूनी और नियामक ढांचा बनाने की आवश्यकता है। इस तरह हम इस तरह की भ्रामक सामग्री के प्रसार को रोक सकते हैं और समाज को सुरक्षित रख सकते हैं।

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