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रा. उ. मा. वि. में मूर्धन्य साहित्य का डॉ. रांगेय राघव की जयंती मनाई

डॉ. रांगेय राघव

डॉ. रांगेय राघव

वैर में डॉ. रांगेय राघव जयंती मनाते विद्यालय के शिक्षक

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डॉ. रांगेय राघव

वैर (शशिकांत शर्मा): राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय वैर में हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार , साहित्य जगत के पुरोधा एवं प्रसिद्ध उपन्यासकार डा. रांगेय राघव के जन्मदिवस के अवसर पर विद्यालय के रांगेय राघव पार्क स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनकी जयंती मनाई गई । इस अवसर पर विद्यालय स्टाफ एवं कस्बेवासियों के द्वारा उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर परिचर्चा का आयोजन किया गया । प्रधानाचार्य श्री पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि डा. रांगेय राघव का जन्म 17 जनवरी 1923 को पिता नंवाकम रंगाचार्य एवं माता कनक बल्ली के परिवार में आगरा उत्तर प्रदेश में हुआ था। 39 वर्ष की अल्प आयुकाल में ही उनके द्वारा साहित्यिक जगत में 100 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया गया । जिसमें ‘कब तक पुकारू’ , घरौंदा , धरती मेरा घर और गदल जैसी पुस्तकों ने उनकी ख्याति को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा । उन्होंने अपने लेखन में ग्रामीण अंचल के जनजीवन, उसमें व्याप्त सामाजिक विकृतियों तथा प्रकृति का उस जनजीवन पर प्रभाव को रेखांकित किया था । इस अवसर पर श्री गोविंद सिंह धाकड़, श्री रघुवीर सिंह, श्री वैदिक कुमार गोयल, अनूप सिंह, उमेश चंद शर्मा, लखन लाल पुष्प, एवं रवि वर्मा सहित समस्त विद्यालय स्टाफ उपस्थित रहा।

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